धोखे से कमाए हुए पैसे को पुण्य के काम में लगाओगे तो पुण्य उसे ही मिलेगा जिसे तुमने धोखा दिया है! ~ गुरु नानक देव जी आप सभी की गुरु नानक देव जी के गुरपुरब की हार्दिक बधाई! |
तन महि मैल नाही मन राता ॥ गुर बचनी सच सबदि पछाता ॥ तेरा ताण नाम की वडिआई ॥ नानक रहणा भगति सरणाई ॥४॥१०॥ जिसका मन प्रभु के अभ्यस्त है, उसके शरीर में कोई प्रदूषण नहीं है; गुरु के शब्द के माध्यम से सच्चे शब्द का एहसास होता है; सभी शक्तियां तुम्हारे नाम के माध्यम से तुम्हारी हैं; नानक अपने भक्तों के अभयारण्य में पालन करता है। गुरु नानक देव जी के प्रकाश पुरब की शुभ कामनायें! |
जो कर सूरज निक्ल्या; तारे छुपे हनेर पलोआ; मिट्टी धुन्ध जग चानन होआ; कल तारण गुरु नानक आया! गुरु नानक देव जी के प्रकाश उत्सव की हार्दिक बधाई! |
जन को नदरि कर्म तिन कार।। नानक नदरी नदिर निहाल।। गुरु नानक देव जी के गुरुपुरब की हार्दिक बधाई! |
नानक नीच कहे विचार, वारेया ना जावाँ एक वार; जो तुध भावे साईं भली कार, तू सदा सलामत निरंकार। गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व की हार्दिक बधाई! |
मन में सींचो हर हर नाम अंदर कीर्तन होर गुण गाम, ऐसी प्रीत करो मन मेरे आठ पहर प्रभ जानो नेहरे, कहो गुरु जी का निर्मल बाग हर चरणी ता का मन लाग, नानक नीच कहे विचार वारिआ ना जावा एक वार, जो तुद भावे साई भली कार तू सदा सलामत निरंकार । गुरु नानक देव जी के गुरुपुरब की बधाई! |
नानक नाम चढ़दी कला तेरे भाने सरबत दा भला; धन धन साहिब श्री गुरु नानक देव जी दे आगमन पुरब की बधाई! |
मन में सींचो हर हर नाम अंदर कीर्तन होर गुण गाम, ऐसी प्रीत करो मन मेरे आठ पहर प्रभ जानो नेहरे, कहो गुरु जी का निर्मल बाग हर चरणी ता का मन लाग, नानक नीच कहे विचार वारिआ ना जावा एक वार, जो तुद भावे साई भली कार तू सदा सलामत निरंकार। गुरुपुरब की हार्दिक बधाई! |
एहा संधिआ परवाणु है जितु हरि प्रभु मेरा चिति आवै ॥ हरि सिउ प्रीति ऊपजै माइआ मोहु जलावै ॥ गुर परसादी दुबिधा मरै मनूआ असथिरु संधिआ करे वीचारु ॥ नानक संधिआ करै मनमुखी जीउ न टिकै मरि जमै होइ खुआरु ॥१॥ गुरुपुरब की हार्दिक बधाई! |
प्रिउ प्रिउ करती सभु जगु फिरी मेरी पिआस न जाइ॥ नानक सतिगुरि मिलिऐ मेरी पिआस गई पिरु पाइआ घरि आइ॥२॥ गुरपुरब की शुभ कामनायें! |