एक बै रब्बू नै 500 रुपय्ये की जरूरत पड़-गी - सोची अक लाला जी पै ले ल्यूं । रब्बू नै फोन खटकाया । लाला जी के फोन उठाते ही रब्बू बोल्या - लाला जी, मैं रब्बू बोलूं सूं । लाला जी - हां रब्बू, बोल के बात सै ? रब्बू - लाला जी, 500 रुपय्ये की जरूरत थी । ईब लाला जी नै सोची अक झिकोई रुपय्ये ले ज्यागा । लाला जी सोच कै बोल्या - "रब्बू, मन्नैं इस कान तैं सुणै कोन्या, रिसीवर दूसरे कान पै लाऊं सूं, फेर बोलिये ।" लाला जी नै रिसीवर दूसरे कान पै लगाया अर बोल्या - हां रब्बू, ईब बोल के कह था ? ईब रब्बू नै सोची अक सुण्या कोनी, क्यूं ना हजार रुपय्ये मांग ल्यूं ! सोच कै बोल्या - "लाला जी, हजार रुपय्ये की जरूरत सै" । लाला जी नै सोची अक झिकोई ईब घणे मांगण लाग्या । लाला जी बोल्या - "ऐं, रब्बू भाई, न्यूं कर - पहले आळे कान पै आ ज्या" ! |
एक बै एक ताऊ ने इकसठ नम्बर पर सट्टा लगाया, नम्बर आ गया अर ताऊ करोड़ पति हो गया! एक पत्रकार इंटरव्यू लेने आ गया अर बोल्या, "ताऊ तुमने इकसठ पर ही सट्टा क्यूँ लगाया?" ताऊ ने बताया, "बात ऐसी है पत्रकार! मैं सुबह उठा, मुझे आसमान में आठ पंछी दिखायी दिए और तारीख़ थी नौ। बस मैंने आठ निम्मा कर दिया। आठ निम्मा इकसठ, लगा दिया सट्टा!" पत्रकार: "पर ताऊ आठ निम्मे तै बहत्तर है?" ताऊ: "बस तेरे जैसे पढ़े-लिखे के चक्कर में रहता तो लग ली लॉटरी।" |
एक बर एक जाट की लाटरी लाग गी, अर लाटरी भी थोड़ी नहीं, पूरे 50 करोड़ की लागी। पूरे गोहान्ड में रुक्का पडग्या अर मीडिया आले जाट कै पाच्छै पाच्छै चक्कर काटैं। एक मीडिया आला जाट कै मुह आगै माईक लगा कै बोल्या :- चौधरी साहब आप नै क्यूकर बेरा लाग्या अक इस नम्बर पै ई लाटरी लागै गी? जाट :- जब मैं पहली रात नै सोया तो मझे सूपने मैं 8 दिख्या।। अर दूसरी रात नै सोया तो सूपने मै 9 दिख्या।। मन्नै 8 अर 9 की गुणा करकै 53 नम्बर पै लाटरी लगा दी। मीडिया आला ( अचम्भे मै ) :- रै चौधरी साहब। यो के करया आप नै। 8 अर 9 की गुणा तो 72 होव सै। जाट :- रै बावलीपूंछ जो तेरै हिसाब तै चालता फैर तो लाग ली थी लाटरी। |
एक जाट के पड़ोस में बनिया रहता था। बनिया की बीवी गुजर गई। जाट ने सोचा बनिया के पास बहुत पैसे हैं, कुछ आमदनी की जाये। जाट छाती पीटता हुआ बनिये के घर जा कर रोते हुए कहने लगा, "मेरा तुम्हारी बीवी से बहुत प्यार था। मैं उसके बिना कैसे जीऊंगा, मुझे भी इसके साथ जला आओ।" बनिया हाथ जोड़ कर बोला, "चौधरी दूर- दूर से रिस्तेदार आने वाले हैं। ऐसे मत कर। बहुत बेइज्जती होगी।" जाट: ठीक है, एक लाख रुपए दे दे, मैं चुपचाप चला जाऊंगा। बनिये ने एक लाख रुपए दे दिए और जाट खुशी खुशी अपने घर चला गया। कुछ दिन बाद जाट की घरवाली मर गई। बनिये ने सोचा अब मौका आया है जाट से ब्याज समेत पैसे वापिस लाऊंगा। बनिया रोता हुआ जाट के घर जा कर बोला, "मेरा और तुम्हारी घरवाली का बहुत प्यार था। मैं भी इसके साथ मरूंगा, मने भी इसके साथ फूँक आओ।" यह सुनकर जाट अपने लड़कों से बोला, "छोरो, थारी माँ कहे तो करै थी कि मेरा एक बनिये तै प्यार है। अच्छा तो ये ही है वो बनिया, फूँक आओ इस ने भी अपनी माँ के साथ।" बनिया: चौधरी माफ कर दे। मैं तो मजाक कर रहा था। जाट: ठीक है, दो लाख रुपये ले आ, वरना लड़के तनै फूकण नै तैयार खड़े हैं। |