मौसम ए मिज़ाज़ का कैसा ये फ़साना है; कंबल भी ओढ़ना है और पंखा भी चलाना है! |
मौसम का हाल देख लगता है कि लॉकडाउन गलत टाइम पे लग गया था! इस समय लगना चाहिए था... कम्बख्त रजाई से बाहर निकलने का दिल ही नहीं करता! |
रजाई एक नशा है... और इस वक़्त मैं नशे में हूँ! |
ठंड इतनी बढ़ गयी है! ज़रा पता करो कि किसने बोला था,"ठंड रख"! |
ठंड में सबसे ज़्यादा सुकून पंखों को रहता है! कोई काम नहीं बस आराम से लटके रहो! |
न नहाने का ताना देने वालों... गर्मियों में बोलती बँद कर दूँगा तुम्हारी! |
भगवान का दिया हुआ सब कुछ है! तौलिया है, साबुन है, बाल्टी है, डिब्बा है, पानी है... बस ठंड में नहाने की हिम्मत नहीं है! |
दिखावटी सुंदरता में कुछ नहीं रखा; अंदर से साफ़ बनो "नहाना" बंद करो और सीधा "पानी" पियो! |
ठंड आ गयी है! बचने के लिए कृपया एक दूसरे से जलते रहिये! |
क्या कोई बतायेगा कि ठंड में एक बार नहा लें तो उसकी वैलिडिटी कितनी देर तक रहती है! |